प्रधानमंत्री आवास योजना ऑनलाइन आवेदन फॉर्म एवम जानकारी | Pradhan Mantri Awas Yojana in Hindi
एक बेहतर जीवन के लिए इंसान की तीन मूलभूत आवश्यकताएं होती हैं. ये हैं रोटी, कपडा और मकान. इन तीनों में से मकान यानि अपना घर होना सबसे कठिन माना जाता है. अपने देश के लिए यह विडंबना ही कहा जाएगा कि ‘अपना घर’ होने के मामले में हम अभी दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी पीछे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी देश में 5 करोड़ परिवारों के पास अपना घर नहीं है. इनमें से 2 करोड़ परिवार शहरी क्षेत्र के हैं और 3 करोड़ परिवार ग्रामीण क्षेत्र के हैं. उल्लेखनीय है कि मकान एक आर्थिक संपत्ति है. यह स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डालने के साथ ही राष्ट्र एवं समाज की उन्नति में भी योगदान देता है. एक मकान का निर्माण न केवल उसके मालिक के आत्मबल में वृद्धि करता है बल्कि इसके कई आर्थिक सरोकार भी हैं. रोज़गार सृजन के साथ इस क्षेत्र का कई उदद्योगों से सीधा वास्ता है.
इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं में से सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता मकान का जीवन स्तर में सुधार की महता को ध्यान में रखते हुए 9 जून 2014 को संसद के संयुक्त सत्र में देश की वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में एक विशेष घोषणा की थी. इस घोषणा में कहा गया था कि जब तक देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा, देश के हर परिवार के पास पानी, शौचालय, चौबीस घंटे एवं सातों दिन बिजली आपूर्ति की सुविधा समेत एक पक्का मकान होगा. यह अवधि 2022 में पूरी होगी. इसके बाद वर्ष 2015-16 के वार्षिक बजट कि पेश करते हुए केंद्र सरकार ने ‘2022 तक सबके लिए आवास’ नामक योजना की घोषणा की. फिर जून 2015 को इस योजना को लागू कर दिया गया.
योजना के तहत वर्ष 2015 से लेकर 2022 तक मकानों का निर्माण किया जाएगा जो कम कीमत पर जरूरतमंदों को दिए जाएंगे. इस योजना को सबसे पहले दो भागों में बांटा गया – पहला, शहरी आवास योजना और दूसरा, ग्रामीण आवास योजना-‘ग्रामीण’. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दोनों योजनाओं के लक्ष्य एवं बजट अलग-अलग हैं. दोनों योजनाओं की विस्तार से जानकारी हम नीचे दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना
देश के शहरी क्षेत्र में लोग जमीन और मकान की बढती कीमतों की वजह से ‘अपना घर’ का सपना पूरा करने में असमर्थ हैं. इस योजना का उद्देश्य ही शहरी गरीबों को अपना घर का सपना पूरा करना है. प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 2022 तक 2 करोड़ से ज्यादा मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. योजना को निम्न घटकों के माध्यम से पूरा किया जाएगा-
- निजी भागीदारी के तहत भूमि का संसाधन के तौर पर उपयोग करते हुए स्लम यानि झुग्गी में रहने वालों का उसी स्थान पर पुनर्वास – यह ‘सभी के लिए आवास’ योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है. इसके तहत शहरी क्षेत्रों में स्लम यानि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को साफ़-सुथरी और पक्के मकान उपलब्ध कराने को टारगेट किया गया है. इसे निजी भागीदारी के साथ-साथ लोक प्राधिकरणों के सहयोग से क्रियान्वित करने पर जोर दिया गया है.
- ऋण लेकर मकान लेने वाले कमजोर तबके के लोगों को ब्याज में छूट देकर किफायती आवास को प्रोत्साहन – इस घटक के तहत शहरी गरीबों द्वारा मकान के निर्माण के लिए या फिर नया मकान खरीदने के लिए, लिए गए गृह ऋण पर ब्याज में सब्सिडी यानि छूट देने का प्रावधान किया गया है. यह योजना केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के परिवारों के लिए है. पूर्व के नियमों के तहत ऋण आधारित ब्याज सब्सिडी केवल 6 लाख रुपये तक की ऋण राशि के लिए उपलब्ध था. परन्तु नव वर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक तरफ जहाँ ऋण की राशि को बढ़ाने की घोषणा की वहीँ ब्याज पर सब्सिडी को बढ़ाने का भी ऐलान किया. नई स्कीम के तहत 2017 में मकान बनाने के लिए 9 लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी की छूट और 12 लाख रूपये तक के ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी की छूट दी जाएगी. इस योजना की एक और खासियत यह है कि ब्याज सब्सिडी ऋण देने वाले संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों के ऋण खाते में अग्रिम ही जमा कर दी जाएगी. इस व्यवस्था से ऋण की राशि और समान मासिक क़िस्त (EMI) में कमी आएगी और जिससे लाभार्थी आर्थिक बोझ से मुक्त रहेंगे.
- किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन – यह ‘सभी के लिए आवास’ योजना का तीसरा घटक है. इसके तहत राज्य सरकारें या शहरी निकायों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए विभिन्न भागीदारी से बनाए जा रहे आवासों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से 1.5 लाख रुपये की सहायता सभी EWS मकानों के लिए प्रति मकान दिए जाएंगे. इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए राज्य सरकारें और शहरी निकाय राज्य सब्सिडी, सस्ती दर पर जमीन, स्टाम्प शुल्क में छूट आदि को बढ़ा सकते हैं.
- लाभार्थी के स्वयं के पूर्व में बने मकान के पुनर्निर्माण या विस्तार के लिए सहायता – यह योजना का चौथा घटक है. इसमें मौजूदा मकान में सुधार या फिर विस्तार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है. इसके लिए लाभार्थी 1.5 लाख रुपये तक की केंद्रीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं.
इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि ऋण सम्बन्धी सहायता घटक को एक केंद्रीय स्कीम के तौर पर जबकि अन्य तीन घटकों को केंद्रीय प्रायोजित स्कीम (CSS) के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है. इस योजना में 500 श्रेणी-1 शहरों पर शुरूआती फोकस के साथ 2011 की गणना के हिसाब से 4041 नियमित कस्बों से शहरी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा.
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को तीन चरणों में बांटकर पूरा किया जाएगा. ये तीन चरण निम्न हैं-
- पहला चरण – यह चरण अप्रैल 2015 से शुरू हो चुका है जो मार्च 2017 तक चलेगा. इस अवधि में 100 शहरों का लक्ष्य रखा गया है.
- दूसरा चरण – यह अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक चलेगा. इस अवधि में 200 अतिरिक्त शहर और जुड़ेंगे.
- तीसरा चरण – योजना का तीसरा चरण अप्रैल 2019 में शुरू होगा जो मार्च 2022 तक चलेगा. इस दौरान अन्य शेष सभी शहरों को जोड़ा जाएगा.
योजना के लिए पात्रता
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी परिवार के अंतर्गत पति, पत्नी, अविवाहित बेटा और बेटी ही शामिल होंगे. साथ ही इस परिवार का देश के किसी भाग में परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर अपना घर नहीं होना चाहिए. साथ ही इस योजना का लाभ केवल EWS और LIG श्रेणी के परिवार ही उठा सकते है.
EWS श्रेणी – इस श्रेणी में वही लाभार्थी मान्य होंगे जिनकी वार्षिक आमदनी 3 लाख रुपये से ज्यादा ना हो.
LIG श्रेणी – इस श्रेणी में वही लाभार्थी मान्य होंगे जिनकी वार्षिक आमदनी 3 से 6 लाख के बीच होगी.
MIG श्रेणी – इस श्रेणी में वही लाभार्थी मान्य होंगे जिनकी वार्षिक आमदनी 6 लाख से ऊपर होगी
योजना का लाभ उठाने को इच्छुक लाभार्थी को अपने आवेदन के साथ, वह उपरोक्त दोनों श्रेणी में से जिस श्रेणी का है, उसे प्रमाणित करने के लिए एक स्वप्रमाणित हलफनामा (Affidavit) प्रस्तुत करना होगा. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए आवेदन सिर्फ परिवार की महिला के नाम से स्वीकार्य होगा. इसमें आवेदक के लिए उम्र भी निर्धारित की गई है. आवेदन के समय आवेदक की आयु 21 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना – ‘ग्रामीण’
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के सभी बेघरों को घर और साथ ही टूटे-फूटे घरों में रहने वाले लोगों को पक्का और साफ़-सुथरा मकान उपलब्ध कराना है. इसके तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है. परियोजना के तहत वर्ष 2017 से 2019 के दौरान एक करोड़ घरों को पक्का बनाने के लिए सहायता का लक्ष्य रखा गया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केन्द्रशासित क्षेत्र चंडीगढ़ को छोड़कर यह योजना देश के अन्य सभी राज्यों और केन्द्रशासित क्षेत्रों में एक साथ लागू की जा रही है. इसके तहत बनने वाले मकानों की लागत में केंद्र और राज्य सरकारों की आनुपातिक हिस्सेदारी होगी.
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत अगले तीन वर्षों में 81975 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें से 21975 करोड़ रुपये का योगदान राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) का होगा. योजना के लाभार्थियों की पहचान और योग्यता के लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है. उल्लेखनीय है कि इस गणना में देश की जनसंख्या का सामाजिक और आर्थिक आधार पर वर्गीकरण किया गया है. परियोजना के लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘नेशनल टेक्निकल सपोर्ट एजेंसी’ का भी गठन किया गया है.
योजना की रणनीति एवं लक्ष्य
- योजना के अंतर्गत पारदर्शिता एवं निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों की पहचान हेतु जनगणना सूची की सहायता ली जा रही है.
- पूर्व में चले किसी योजना का लाभ अगर किसी ने उठाया है या अन्य किसी कारणों से किसी आवेदक को अयोग्य करार दिया जाता है तो ऐसे नामों को ग्राम सभा के पास भेजा जाएगा. ग्राम सभा द्वारा छानबीन के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा.
- लाभार्थियों के वार्षिक सूची को ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित करने में सहभागिता को ध्यान में रखा जाएगा. सूची में किसी भी परिवर्तन को ग्राम सभा द्वारा लिखित में न्यायसंगत साबित करना होगा.
- मकानों के निर्माण की लागत केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा मैदानी क्षेत्रों में 60:40 के अनुपात में तथा पहाड़ी एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में 90:10 के अनुपात में रखा गया है.
- इस योजना के लाभार्थियों के खाते में सीधे धनराशि को स्थानांतरित करने का प्रावधान है.
- लाभार्थी का फोटो एप्प के माध्यम से अपलोड किया जाएगा. साथ ही लाभार्थी उसे होने वाले भुगतान को भी एप्प के माध्यम से देख सकेंगे. यानि कि इससे संबंधित सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी.
- इस योजना से लाभ पाने वाले लाभार्थी की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए उसे मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत 90 दिनों के लिए किसी कार्य में नियोजित किया जाएगा.
- मकानों के निर्माण में उसके डिजाईन और संरचना को विशेष तवज्जो दी गई है. इसके तहत भूकंपरोधी और क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप मकानों के निर्माण किए जाएंगे.
- योजना के तहत अगर राज-मिस्त्री (Mason) की कमी होती है तो इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी.
- मकान बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों में प्रमुख ईंटों की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए मनरेगा के अंतर्गत इसका निर्माण कराया जाएगा.
- इस योजना के तहत मकान निर्माण के क्षेत्रफल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. पहले यह 20 वर्ग मीटर था जिसे अब 25 वर्ग मीटर कर दिया गया है.
बीते दिसम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को एक और बड़ा तोहफा दिया. इस दिन उन्होंने ग्रामीण इलाके के लिए एक नई योजना की घोषणा की. इस योजना के तहत 2017 में गांवों में रहने वाले जो लोग अपने घर में नया निर्माण कराना चाहते हैं या फिर उन्हें विस्तार देना चाहते हैं तो उन्हें 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. साथ ही इस ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी की छूट भी दी जाएगी. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री द्वारा की गई नई घोषणा के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले मकानों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. अब पहले के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा घर बनाए जाएंगे.
ग्रामीण आवास योजना की पृष्ठभूमि
मौजूदा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से पूर्व भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा “इंदिरा आवास योजना’ चलाई जा रही थी. इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले ग्रामीणों को मकान निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान था. इसके लिए मैदानी इलाके में मकान निर्माण के लिए 70000 रुपये तथा पहाड़ी इलाके के लिए 75000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती रही है. इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत योजना की शुरुआत से अब तक 351 लाख मकानों का निर्माण हो चुका है और इस मद में 105815 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
अब वर्तमान सरकार द्वारा बड़े स्तर पर शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ देश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को उच्च गुणवत्ता के आवास उपलब्ध करवाने के दृष्टिकोण से एक बड़ा कदम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि जब यह योजना अपने अंतिम चरण में पहुंचेगी तो देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
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